जो मातृभूमि की स्वतन्त्रता के लिए हर कष्ट सहन करते हैं,
रण में जो कभी हार नहीं माने उसको महाराणा प्रताप कहते हैं,
अकबर भी प्रताप के वीरता से घबराया था,
तभी तो हल्दीघाटी के युद्ध में वह स्वयं नही आया था,
मातृभूमि के लिए सर्वस्व निछावर कर जाऊँगा,
वक्त आने पर मैं भी मेवाड़ी राणा बन जाऊँगा.
हल्दीघाटी के युद्ध में मेवाड़ी वीरों ने कोहराम मचाया था,
महाराणा प्रताप की वीरता देख अकबर भी घबराया था.
प्रताप की गौरव गाथा हर कोई सुनाएगा गाकर
मेवाड़ धरा भी धन्य हो गई प्रताप जैसा पुत्र पाकर
चेतक पर चढ़ जिसने, भाले से दुश्मन संघारे थे
मातृ भूमि के खातिर, जंगल में कई साल गुजारे थे